वर्तमान में सम्पूर्ण मोदी जाति के लिए प्रयुक्त की गयी अपमानजनक भाषा के चलते अदालत द्वारा सज़ा सुनाये जाने के बाद से जबसे राहुल गाँधी को संसद की सदस्यता के अयोग्य घोषित किया गया है वो निराशा और हताशा के अतिरेक में अपने भविष्य की राजनीती के लिए भी खड्डा खोदते जा रहे हैं... अपना स्वयं का बुद्धि विवेक इस्तेमाल ना करके हमेशा राहुल ने अपने सालाहकारों द्वारा दी गयी स्क्रिप्ट को ही पढ़ा और दोहराया है...उन्होंने अपनी सलाहकार मंडली की गलतियों के चलते ही अदालत से यह सजा पायी है... इस सारे प्रकरण में...मैं आपका ध्यान दो बातों की ओर ले जाना चाहूंगा...
पहली बात : आज भी वो बड़ी शान और धौन्स के साथ मीडिया को सम्बोधित करते हुए बोल रहे हैं कि... सावरकर नहीं हूँ गाँधी हूँ, माफ़ी नहीं मांगूंगा... अरे भाई राहुल जी क्यों नहीं अपने बुद्धि विवेक का इस्तेमाल करते... माफ़ी तो आपने पहले भी कई बार मांगी है... याद है.. जब आपने अपनी ही सरकार के लाये जनप्रतिनिधित्व सम्बंधित अध्यादेश की प्रतियाँ सरेआम फाड़ कर फ़ेंकी थीं तब भी आपके ऊपर ऐसा ही मुकद्दमा चला था.. और.. आपने 2018 में भरी अदालत में इसके लिए बिना शर्त माफ़ी मांगी थी... और अदालत ने आपको मुक्त कर दिया था... राहुल जी.. याद है 2018 में राफेल विमानों की खरीद पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका मंजूर होने पर आपने कहा था कि सुप्रीम अदालत ने भी मान लिया है कि चौकीदार ने चोरी की है... इसीके बाद आपने 2019 चुनाव में "चौकीदार चोर है" का नारा लगाया था... इसके लिए आपको सुप्रीम कोर्ट में एक नहीं... बल्कि तीन तीन बार माफीनामा देना पड़ा था... जिसमें की आप छूटे तभी थे.. जब आपने तीसरे और अंतिम हलफनामे में आपने बिना शर्त माफ़ी मांगी थी...
अब दूसरी बात... राहुल गाँधी को स्वयं इस बात का चिंतन / मनन और मंथन करना चाहिए कि वर्तमान में उनके सबसे नज़दीकी सलाहकार... हमेशा हर पब्लिक प्लेटफार्म पर उनके कान में मंत्र फूंकने वाले.. उनको स्क्रिप्ट याद दिलाने वाले जयराम रमेश क्यूँ उनको शहीद करने पर लगे है... क्यूँ उनको उकसाने वाले बयान देने को कह रहे हैं.. क्यूँ जयराम रमेश उनको यह स्क्रिप्ट लिख कर दे रहे हैं.. कि.. सावरकर नहीं हूँ गाँधी हूँ, माफ़ी नहीं मांगूंगा... जबकि.. यही जयराम रमेश भारत सरकार द्वारा नोटबंदी किये जाने के बाद उसके खिलाफ बयान देते देते एक दिन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल के बेटे विवेक डोवाल पर सीधे सीधे इल्ज़ाम लगा देते हैं कि उनकी एक संस्था ने एक विदेशी टापू देश में किसी अकाउंट में मोटा पैसा ट्रांसफर किया है... इस पर अजित डोवाल और उनके बेटे विवेक डोवाल द्वारा जब उनको इस झूठे आरोप लगाने के लिए अदालत में घसीटा गया तब अपने लगाए इल्ज़ाम को जयराम रमेश साबित नहीं कर पाए... और... यही सज़ा.. जो आज अदालत द्वारा राहुल गाँधी को मिली है.. उसी सज़ा से बचने के लिए जयराम रमेश ने 18 दिसंबर 2020 को अदालत में बिना शर्त माफ़ी मांग ली थी
तो राहुल गाँधी जी... ज़रा ठन्डे दिमाग़ से सोचना... कि जिस सज़ा से बचने के लिए जयराम रमेश ने खुद अदालत से माफ़ी मांगी थी तो उसी सज़ा से बचने के लिए आपको सलाह क्यों नहीं दी...??? क्यूँ आपको उकसाया गया..?? क्यूँ आपको शहीद किया गया...?? क्या ये आपको चुनावी राजनीती से दूर करके.. परिवार से ही किसी और का मार्ग प्रशस्त किया जा रहा है..??
ज़रा सोचिये...
दुष्यंत चोपड़ा - दृष्टिकोण मीडिया
haha good point